पश्चिम बंगाल कर रहा है डेंगू से त्राहिमाम, 25 मरे

पश्चिम बंगाल कर रहा है डेंगू से त्राहिमाम, 25 मरे

सेहतराग टीम

पश्चिम बंगाल और कोलकाता के कई दक्षिणी जिलों में डेंगू के 44,852 मामले सामने आए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। प्रभावित जिलों में उत्तरी एवं दक्षिणी 24 परगना, हावड़ा और हुगली भी शामिल है। सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक जनवरी से राज्य में 25 लोगों की डेंगू से मौत हो चुकी है। वैसे कोलकाता हाईकोर्ट में दायर एक याचि‍का में 40 से अधिक मौतों का दावा किया गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार और केएमसी से डेंगू पर रिपोर्ट मांगी है।

मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को नौ नवंबर को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से डेंगू के 44,852 मामले सामने आए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले दो हफ्तों में डेंगू के मामले काफी बढ़ गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि बनगांव नगरपालिका क्षेत्र, गाइघाटा, हाबरा आई ब्लॉक और उत्तरी 24 परगना जिले के बैरकपुर नगरपालिका क्षेत्र, फालता, मोगराहाट 1 और 2 प्रखंड, मथुरापुर 1 और 2 प्रखंड, दक्षिणी 24 परगना जिले का भनगोर आई प्रखंड भी इस बीमारी से प्रभावित हुआ। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों को डेंगू मामलों का उपचार करने में प्लेटलेट का गलत ढंग से इस्तेमाल न करने और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और उसके आसपास के जिलों में डेंगू फैलने का संज्ञान लेते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए की गयी कार्रवाई पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश टी.बी.एन. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) को डेंगू फैलने एवं उस पर नियंत्रण पाने के लिए की गयी कार्रवाई पर 22 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी। पीठ ने 22 नवंबर को अगली सुनवाई करने की तारीख दी है।

वकील बिकास भट्टाचार्य और रविशंकर चटर्जी ने सोमवार को अलग अलग याचिकाएं दायर करते हुए कहा था कि इस साल राज्य में यह बीमारी तेजी से फैल रही है, 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। याचिका में कहा गया कि करीब 45000 लोग उसकी चपेट में आ चुके हैं तथा ज्यादातर मामले दुर्गापूजा के बाद आये हैं। वकीलों ने दावा किया कि इस बीमारी पर काबू पाने के प्रति प्रशासन का रवैया बहुत ही ढुलमुल रहा है।

 

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